Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग- 80( A Lip of Heart-3)

"तुम्हे मुझपर यकीन नहीं ..."

"ऐसा नहीं है...मैं तो बस जनरल नालेज के लिए क्वेस्चन पुछ रहा था ,तुम कार चलाओ..."बोलकर मैने अपनी आँखे बंद कर ली
.
यदि देखा जाए तो ग़लती निशा की नही थी ,हम दोनो पहले केवल सिर्फ एक दूसरे के साथ बिस्तर गरम करने के लिए मिला करते थे ,इसलिए एक दूसरे के बारे मे हमे ज़्यादा कुछ नही पता था.... ना ही हमने कभी जानने की कोशिश की. जैसे मैं निशा के बारे मे ज़्यादा नही जनता था वैसे ही वो भी मेरे बारे मे कुछ नही जानती थी...उसने मेरे बारे मे कई  बार कुछ नया जानने की कोशिश की थी लेकिन मैने हर बार फुल स्टॉप का बोर्ड टाँग दिया क्यूंकी यदि मैं उसे बताता तो क्या बताता.....??  कि मैं अपने घर से भाग कर यहाँ क्यों रह रहा हूँ....?? और उसे अपने बारे मे कुछ ना बताने का सबसे बड़ा रीज़न ये भी था कि वो फिर मेरी लाइफ के और भी पहलुओ को जानने की कोशिश करती....
.

"अरमान...एम.बी.डी. रेस्टोरेंट आ गया..."

"तो क्या यहाँ से मैं पैदल जाउ..चल ना लिफ्ट दे दे रूम तक ...वैसे तुमने मुझे बुलाया किसलिए था..??"

"वही तो बताने की कोशिश कर रही हूँ...लेकिन कुछ बोल नही पा रही..."

"अब ऐसा क्या धमाका करने वाली हो... जानेमन "

"रेस्टोरेंट मे चलकर बात करते है "

हम दोनो एम.बी.डी. के अंदर घुसे और एक कोने वाले टेबल पर बैठ कर मैने दो कप कॉफी का ऑर्डर दिया और निशा की तरफ देखकर कहा
"हां बोलो,अब..."

"आइ लव यू...अरमान"

"हां ,आगे बोलो..."ये सुनते ही मेरे दिल की धड़कने दुगुनी रफ़्तार से चलने लगी लेकिन मैने इसे ऐसे ही दरकिनार किया जैसे खाना खाते वक़्त हमारे मुँह मे कंकड़ वगैरह फंस जाता है.. मैने कोई reaction ही नहीं दिया निशा के  i love you का ...

"मैं डेविड से शादी नही कर सकती... अरमान "

"ह्म्म...आगे बोलो..."

"तुम कुछ करो ना ,जिससे ये शादी रुक जाए..."

"ह्म्म... Nice... आगे बोलो.."

"डू यू लव मी "

"ह्म्म...nice... आगे बोलो..."

"अब आगे क्या बोलू...सब तो बोल दिया ,अब तुम बोलो "गुस्से से मेरे हाथ मे अपने नाख़ून गढ़ा कर निशा ने कहा...

"आउच... यही बात प्यार से भी तो कह सकती थी,खामाखाँ नाख़ून गड़ा दिया और तूने ये डायन जैसे नाख़ून क्यूँ पाल रखे है,कटवाती क्यूँ नही..."तुरंत अपना हाथ पीछे करते हुए मै बोला

अपने लिए डायन शब्द सुनकर निशा मुझपर भड़क उठी और अपनी आँखे बड़ी करके एक बार और अपने डायन वाले नाख़ून को मेरे हाथ पर गढ़ा दिया....

"बस कर निशा... चुभता है..."

"तो फिर मुझे डायन मत बोलना और ये लॉन्ग नेल्स आज कल का फैशन है..."

"वाह रे फॅशन...पहले तो जानवरो की तरह अपने नाख़ून बड़े करो फिर उसमे हज़ार तरह की नेल पोलिश थोपो...तुम लड़कियो के पास बहुत एक्सट्रा टाइम होता है क्या..."

तब तक वेटर ने दो कप कॉफी लाकर हमारे टेबल पर रख दी ,इसलिए अबकी कॉफी की चुस्किया लेते हुए मैने कहा
"हां तो बोलो ,क्या बोल रही थी..."

"Do you love me...?."

" iiiiiii dont know..."

"Don't know or don't love....?? सॉफ-सॉफ बताओ..."

"सच मे Ms. Nisha , i really don't know..."

"ओके ! तो ये बताओ की तुम मुझसे शादी करोगे...?"

"शादी....शा.... दी.... शादी..."मुझे उस वक़्त कुछ नही सूझ रहा था कि मैं निशा को क्या कहूँ, अपने रूम से निकलने के पहले ही मैं जान गया था कि वो इस तरह के ही सवाल पूछेगी...

लेकिन लाख सोचने के बावजूद अभी तक मैं इस बारे मे कुछ सोच नही पाया था और यही वजह थी कि मैं हर बार बात को किसी ना किसी बहाने टाल देता था और इस बार भी मैने वैसा ही करने की कोशिश की ...जब मुझे निशा को उसके सवाल का जवाब देना था तभी मैने वेटर को आवाज़ दी और दो प्लेट समोसे का ऑर्डर दिया...इस बात से बेख़बर कि मेरी इस हरक़त का निशा पर क्या असर होगा...मैने ये बिल्कुल भी नही सोचा कि वो समझ जाएगी कि मैं उसको टाल रहा हूँ....

और ऐसा हुआ भी...जब कुछ देर और मैने उसकी बात का जवाब नही दिया तो उसकी आँखो मे किसी छोटी बच्ची की तरह आँसू आ गये ,वो तुरंत टेबल से उठी और बाहर की तरफ जाने लगी....

"अरे.. समोसा तो खाती जा... अरे रुक तो... वेटर भैया, मैं अभी आया... ये मत सोचना की बिना पैसे दिए भाग रहा हूँ... ओके "वेटर को इशारा करते हुए मैं भी निशा के पीछे हो लिया और सीधे जाकर उसके सामने खड़ा हो गया

"ओये डायन चल आजा...आइ लव यू..."

"सच..."

"101 % सच..."

और उसके बाद हम दोनो एक दोनो की बाहो मे बाहे डालकर वापस रेस्टोरेंट के अंदर आए, अब मुझे भी अहसास होने लगा था की मुझे निशा के मामले मे जो करना है उसके बारे मे जल्दी सोचना होगा... इसका कुछ करना होगा, पर तब तक इसका यूज़ कर सकता हूँ... एकदम too much हूँ मै भी...

"तो तुमने क्या सोचा..."

"कल बताऊ तो चलेगा..."

"ह्म..."

हम दोनो ने एम.बी.डी. रेस्टोरेंट मे कुछ वक़्त और बिताया और फिर निशा ने मुझे मेरे रूम पर ड्रॉप कर दिया,...अपने फ्लैट  की बेल बजाने के बाद मुझे याद आया कि वरुण ने तो मुझे दारू लाने के लिए कहा था, वो तो मैं निशा के चक्कर मे लाना ही भूल गया और वरुण ने भी रूम का दरवाजा खोलने के बाद सबसे पहले ये देखा कि मेरे हाथ मे कुछ है या मैं खाली हाथ ही आया हूँ...

"उस दिन तूने दीपिका मैम  को फिर ठोका  या नही.. सच सच बता...."मुझे देखते ही वरुण का पहला रियेक्शन यही था...

उसके इस सवाल से मैं सकते मे आ गया और अरुण की तरफ देख कर इशारा मे पुछा...लेकिन अरुण तो फुल लोड था...वो अंडरवेर पहने हुए बिस्तर से उठा और लड़खड़ाते हुए बोला...

"अरमान, अच्छा हुआ, तू आ गया...इसने पुछ -पुछ कर दिमाग़ का वडा पाव बना दिया है...जब से तू गया है हज़ार बार ये मुझसे यही पुछ  रहा है...यही पुछ  रहा है ....."

"उठा साले को और वापस बिस्तर पर पटक दे..."

अरुण को बिस्तर पर जमाने के बाद वरुण ने कुछ खाने के लिए बनाया और फिर एक-एक कप चाय के साथ हम दोनो बैठ गये....

"अरमान,उसके बाद क्या हुआ..."

"खाने देगा, बाद मे बताउन्गा..."

"बता ना..."

"बाद मे..."

"यदि अभी बताएगा तो मेरे हिस्से का खाना तेरा..."

"ठीक है..."उसकी प्लेट अपनी तरफ सरकाते हुए मैं बोला"चाय तू पी ले,तू भी क्या याद रखेगा कि क्या दिलदार आदमी से तेरा पाला पड़ा है ..."

"चल आगे बता.. अब ."

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आगे.....मैं भी यही चाहता था कि मैं एक दो बार और दीपिका को उस रात पेलू, लेकिन एक बार मेरा काम तमाम होने के बाद कुछ ही पालो मे मुझे उसके ऊपर लेटे -लेटे ही नींद आ गयी, लेकिन दीपिका मैम  को दोबारा झुका कर पेलने की चाह मे मेरी नींद सुबह के 5 बजे खुल ही गयी, मैने आस-पास हाथ मारा... दीपिका मैम  मेरे बगल मे ही सो रही थी,मैने उनको दोबारा ठोकने के जुगाड़ मे लाइट ऑन की और तुरंत उनके उपर चढ़ गया..... लाइट इसलिए ऑन की.. क्यूंकि उनके चेहरे का reaction देखकर मजा आ रहा था.

"फिर..."वरुण चाय की एक लंबी चुस्की लेते हुए बोला

"फिर क्या ,मैं तो बिना कपड़ो के सोया ही था ,वो भी बिना कपड़ो के ही थी...मैने पहले उसके बॉडी के कुछ प्राइवेट पार्ट्स दबाए,उन्हे चूसा...और फिर उनको उल्टा पलटा कर घोड़ी चढने कि तैयारी कर ही रहा था कि दीपिका मैम  बोली..."

"क्या बोली..."

"यही कि उनकी तबीयत खराब है और मैं उनके उपर से उतर जाउ..."

"तो तूने क्या किया..."

"मैने उनकी बात मान ली...लेकिन यदि मैं चाहता तो वो सब कुछ कर सकता था..लेकिन दीपिका मैम  की आवाज़ और उनके शरीर की गर्मी से मैं जान गया था कि वो अभी फिलहाल तैयार नही है...इसलिए मैं वापस बिस्तर पर लेट गया और सुबह होते ही हॉस्टल  आ गया..."

"तेरी बाते सुनकर ऐसा लग रहा है कि मैने बेकार मे ही अपना खाना छोड़ दिया , जब तूने दोबारा लिया ही नहीं...  चल आगे बता "
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आगे वो हुआ जो मैने कभी एक्सपेक्ट नही किया था, मैं दूसरे दिन अपने हॉस्टल  पहुचा ही था कि मेरे भाई का कॉल आ धमका, मैने सोचा कि यूँ ही हाल-चाल पुछने के लिए कॉल किया होगा, लेकिन कॉल उठाते ही मालूम चला कि बड़े भैया तो रेलवे स्टेशन मे है और वो आधे घंटे मे मेरे हॉस्टल  पहुचने वाले है.....

"अबीईययययी अरुण..."मैने पूरी ताक़त से चीख कर कहा"बड़े भैया आ रहे है,जल्दी से रूम सॉफ कर...वरना आज ही मेरी टी.सी. कट जाएगी..."

"क्या सच..."वो बिस्तर से कूद कर ज़मीन पर आया और मुझसे बोला"तू अपनी साइड सॉफ कर ,मैं अपनी साइड सॉफ करता हूँ... "

"चल तू अपने शर्ट से साफ सफाई की शुरुआत कर... मैं तब तक झाड़ू का जुगाड़ करता हूँ..."

वहाँ से मैं तुरंत भागते हुए bhu के रूम मे घुसा और झाड़ू माँगा....

"नही है..."

"साले, डेढ़ फुटिया....बदसूरत शकल वाले ... जैसे गू जैसी तेरी शकल है वैसी शकल रूम की भी बना रखी है...कभी सॉफ भी कर लिया करो...."

गालियाँ बकते हुए मैं दूसरे रूम मे घुसा और फिर तीसरे...लेकिन हालत सब जगह यही थी....इसलिए मैं जल्दी से भाग कर अपने रूम मे आया और न्यूज़ पेपर को हाथो मे लेकर फर्श पर घिसटाते हुए रूम का सारा कचरा फाइनली बाहर किया और अरुण की एक टी-शर्ट को पानी मे भिगो कर अपना स्टडी टेबल सॉफ करके दो-चार बुक ,खोल कर रख दिया.....

"ला बे, वो गीला कपड़ा मुझे भी दे..."

"ले थाम..."

"कुत्ते, ये तूने क्या किया..."t-शर्ट कैच करने के बाद अरुण चिल्लाया.... "ये मेरी नयी टी-शर्ट थी..."

"मुझे मालूम नही था यार, मैं तो इससे अपने जूते भी साफ कर रहा था दो दिन से... आइ आम रियली सॉरी यार..."

"तेरी ये बात सीधे दिल मे लगी है..."

"दिल पे मत ले, मुँह मे ले 😎और अभी रोना बंद कर ,बड़े भैया आते ही होंगे..."

My other Story~ समुन्दर का शिकारी -1

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2 Comments

Raghuveer Sharma

27-Nov-2021 06:43 PM

👌👌👌

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Fiza Tanvi

05-Nov-2021 05:57 PM

Good

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